अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च का दावा है कि वेदांता ग्रुप की सेमीकंडक्टर यूनिट असल में कोई मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस नहीं बल्कि एक 'शेल कमोडिटी ट्रेडिंग ऑपरेशन' थी। इसे जानबूझकर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की कैटेगरी से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। वहीं, वेदांता की वार्षिक आम बैठक की आलोचना करते हुए इसे 'स्टेज मैनेज्ड' बताया गया है।