पीएम2.5 ऐसे प्रदूषणकारी तत्वों को दर्शाते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। ठोस प्रदूषक तत्वों और तरल पदार्थों के मिश्रण से बने ऐसे कण व्यक्ति के फेफड़ों और रक्त प्रवाह तक पहुंच सकते हैं और सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। फिलहाल, दिल्ली का पीएम2.5 स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक से 20 गुना अधिक है।