गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी के मुताबिक, नाइट लैंप/डिम लाइट में सोने वाले बच्चों की आंखें खराब होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा, "बच्चों के पलकों की त्वचा पतली होने के चलते...आंखें बंद होने के बावजूद ब्लू लाइट अंदर पास होती हैं...इससे मेलानॉप्सिन सेल्स सक्रिय हो जाते हैं और सर्केडियन रिदम बिगड़ जाता है...जिससे आंखों का विकास प्रभावित होता है।"