1960 के दशक में रतन नवल टाटा ने अमेरिका से अपनी डिग्री पूरी की और दादी की बिगड़ती सेहत के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा। भारत वापस आने पर टाटा को आईबीएम से पहला जॉब ऑफर मिला था लेकिन टाटा के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा इससे खुश नहीं थे क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह टाटा इंडस्ट्रीज़ में काम करेंगे।